असामान्य व्यवहार का उचित एवं सर्वमान्य वर्गीकरण करना बहुत ही जटिल काम है, परन्तु फिर भी कई विद्वानों ने इसके वर्गीकरण किये। अतः असामान्य व्यवहार के वर्गीकरण जो विभिन्न विद्वानों द्वारा किए गए हैं, वे निम्न प्रकार है
(1) कैमरान का वर्गीकरण- अगर हमें असामान्य व्यवहार के वर्गीकरण को समझना है तो इसके लिए यह आवश्यक है कि सबसे पहले हम कैमरान द्वारा दी गई वर्गीकरण की विषय-वस्तु को जान लें। कैमरान ने असामान्य व्यवहार के सम्बन्ध में कहा है कि " असामान्य विज्ञान बहुआयामी सातत्य है जिसे हम समझने के लिए समूह में विभाजित करते हैं। " असामान्य मनोविज्ञान को कैमरान ने तीन मुख्य वर्गों में बाँटा जिसका स्पष्टीकरण निम्नवत् है
(i) मनःस्ताप (Neuroses) - इस वर्ग के अन्तर्गत निम्नलिखित मानसिक रोग आते हैं
(a) चिन्ता प्रतिक्रियाएँ (Anxiety Reactions)
(b) रूपान्तरित प्रतिक्रियाएँ (Conversion Reactions)
(c) भय प्रतिक्रियाएँ (Phobic Reactions)
(d) मन:स्ताप-विषाद प्रतिक्रियाएँ (Neurotic-Depressive Reactions)
(e) मनोविच्छेदी प्रतिक्रियाएँ (Dissociative Reactions)
(f) मनोग्रस्तता-बाध्यता प्रतिक्रियाएँ (Neurotic-Depressive Reactions)
(ii) मनोविक्षिप्तता (Psychoses) - इस वर्ग में निम्नलिखित मानसिक रोग आते हैं
(a) सम्भ्रान्ति प्रतिक्रियाएँ (Paranoid Reactions)
(b) मनोविदलता सम्बन्धी प्रतिक्रियाएँ (Schizophrenic Reactions)
(c) मनोविक्षिप्त विषाद प्रतिक्रियाएँ (Psychotic-Depressive Reactions)
(d) प्रत्यावर्तनकालीन मनोविक्षिप्त प्रतिक्रियाएँ (Involutional Psychotic Reactions)
(e) उत्साह प्रतिक्रियाएँ या उत्साह-विषाद चक्र (Manic or Manic-Depressive Reactions)
(iii) कुछ अन्य विकृतियाँ (Other Major Disorders) - इस वर्ग में कुछ निम्नांकित मानसिक असामान्यताएँ आती हैं
(a) व्यक्तित्व विकृतियाँ (Personality Disorders)
(b) मनोदैहिक विकृतियाँ (Psychosomatic Disorders) (c) चारित्रिक विकृतियाँ (Character Disorders)।
(2) ब्राउन का वर्गीकरण (Brown's Classification)–ब्राउन ने असामान्य व्यवहार के निम्न वर्गीकरण स्पष्ट किये
(i) चरित्र विकार (Character Disorder)
(ii) आंगिक मनोविक्षिप्तता (Organic Psychoses)
(iii) मन:स्ताप (Neuroses)
(iv) कामुकता सम्बन्धी असमानताएँ (Abnormalities of Sexual Behaviours)
(v) प्रकार्यात्मक मनोविक्षिप्तता (Functional Psychoses)।
(3) अमेरिकन साइकियाट्रिक एसोसिएशन का वर्गीकरण (Classification of American Psychiatric Association) - यह वर्गीकरण DSM-II के नाम से प्रचलित है। सबसे पहले इस वर्गीकरण को 1952 में APA के सामने रखा गया था, फिर इसमें कुछ फेरबदल होने के बाद इसको दोबारा 1968 में प्रस्तुत किया गया। इस वर्गीकरण के अन्तर्गत मानसिक असमानताओं को दस वर्गों में बाँटा गया जिसका विवरण निम्न है
(i) मानसिक मन्दन (Mental Retardation)
(ii) आंगिक मस्तिष्क संलक्षण (Organic Brain Syndromes)
(iii) प्रकार्यात्मक मनोविक्षिप्तता (Functional Psychoses) - इस वर्ग में निम्न रोग आते हैं
(a) मनोविदलता (Schizophrenia)
(b) प्रत्यावर्तनकालीन उदासीनता (Involutional Melancholia)
(c) उत्साह - विषाद मनोविक्षिप्तता (Manic-Depressive Psychoses)
(d) सम्भ्रान्तिवत् अवस्थाएँ (Paranoid Status)
(iv) मन:स्ताप (Neuroses) - इस वर्ग में निम्न रोग आते हैं
(a) हिस्टीरिया मनःस्ताप (Hysteria Neuroses)
(b) न्यूरास्थैनिक मनःस्ताप (Neurasthanic Neuroses)
(c) हाइपो-कोर्डियल मनःस्ताप (Hypo-chordial Neuroses)
(d) फोबिक मनःस्ताप (Phobic Neuroses)
(e) हीन अभिव्यक्ति सम्बन्धी मनःस्ताप (Depersonalization Neuroses)
(f) चिन्ता मनःस्ताप (Anxiety Neuroses )
(g) पीड़ाजनक मन:स्ताप (Obsessive Compulsive Neuroses)
(v) व्यक्तित्व विकृतियाँ तथा अन्य मनोविकृतियाँ (Personality Disorders)– इस वर्ग में अग्रांकित रोग आते हैं
(a) कामुक विचलन (Sexual Deviations)
(b) नशा निर्भरता (Drug Dependence)
(c) व्यक्तित्व विकृतियाँ (Personality Disorders)
(d) मदिरापन (Alcoholism)
(vi) मनो-शारीरिक क्रियात्मक विकृतियाँ (Psycho-physiological Disorders ) –
(a) मनोशारीरिक आन्तो सम्बन्धी विकृतियाँ (Psycho-physiological Gastrountestinal Disorders)
(b) मनोशारीरिक एन्डोक्राइन विकृतियाँ (Psycho-physiologycal Endocrine Disorders)
(c) मनोशारीरिक त्वचा विकृतियाँ (Psycho-physiological Disorders)
(d) मानसिक-शारीरिक मूत्र सम्बन्धी विकृतियाँ (Psycho-physiological Gentourinary Disorders)
(e) मनोशारीरिक श्वांस क्रियात्मक विकृतियाँ (Psycho-physiologic Respiratory)
(vii) विशिष्ट लक्षण (Special Symptoms)-मनोगतिकीय सम्बन्धी विकृतियाँ भी इस वर्ग में आती हैं।
(viii) क्षणिक स्थिर रहने वाले रोग (Transient Situational Disorders) - समस्त संवेगात्मक क्षणिक से विघ्नों को इस वर्ग में रखा गया है।
(ix) बाल्य तथा किशोरावस्था की मनोविकृतियाँ (Behaviour Disorder of Childhood and Adolescence) - इस वर्ग के अन्तर्गत बाल्यावस्था एवं किशोरावस्था से सम्बन्धित मनोविकृतियों को रखा जाता है।
(x) मनोरोगों की अस्पष्टावस्थाएँ (Conditions without Manifest Psychiatric) - जो विकृतियाँ - वैवाहिक, सामाजिक और व्यावहारिक समायोजन के अभाव के कारण होती हैं, वह इस वर्ग में आती हैं। इस तरह से एक बात तो स्पष्ट है कि असामान्य व्यवहार का वर्गीकरण करना एक बहुत जटिल समस्या है। अतः इन वर्गीकरणों से यह बात साफ है कि किसी भी लक्षण के आधार पर रोगों का केवल पता लगाया जा सकता है कि कौन-सा लक्षण किस रोग का है क्योंकि कभी-कभी यह पाया जाता है कि लक्षण और उनके कारण भिन्न हैं।
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